बदायूं गोली मारने के दो हमलावरों पर दोषसिद्ध तो हुआ, लेकिन उन्हें कारावास के बजाय सदाचरण की सजा सुनाई गई। गुरुवार को बिसौली के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया कि दोनों दोषी समाज के सामने अपना अच्छा आचरण प्रस्तुत करें। यदि इसमें कोई कमी पाई गई तो कारावास से दंडित किया जाएगा।
दरअसल, दोनों हमलावरों के दोषी पाए जाने पर अधिवक्ता ने परिवीक्षा की मांग की थी, जिसके अंतर्गत सुधार का अवसर दिया जाता है। दोषियों ने इससे पहले कोई अपराध नहीं किया था, इसलिए सदाचरण की सजा सुनाकर गलती सुधारने को कहा गया। हबीबीपुर गांव का के रहने वाले रामकिशोर ने पुलिस को बताया था कि खेत में सिंचाई को लेकर गांव के राधेश्याम व रामसेवक से विवाद था।
मारपीट के बाद तमंचे से मारी गोली
चार वर्ष पहले दोनों ने खेत पर घेर लिया। मारपीट कर तमंचे से गोली मार दी, जोकि उनके पैर में लगी। उन्होंने जानलेवा हमला की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था। सभी पक्षों के बयान होने के बाद गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट पंकज कुमार पांडेय ने राधेश्याम रामसेवक को दोषी माना।
‘…तो दोबारा सुनवाई कर सुनाई जाएगी सजा’
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि दोषियों के विरुद्ध पहले कोई अपराध पंजीकृत नहीं है। पहली बार गलती हुई है। उन्होंने परिवीक्षा की मांग की। इस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने राधेश्याम व रामसेवक को छह माह तक सदाचरण बनाए रखने का आदेश दिया। दोनों की निगरानी पुलिस करेगी जोकि समय-समय पर समाज से भी जानकारी लेगी। यदि दोषियों के आचरण में त्रुटि पाई गई तो दोबारा सुनवाई कर कारावास की सजा सुनाई जाएगी।