वाराणसी भक्तों द्वारा अति स्नान करा दिए जाने के बाद बीमार पड़े प्रभु जगन्नाथ पखवाड़े भर स्वास्थ्य लाभ के बाद अब टनमन हो गए हैं। परवल का जूस का भोग पाकर स्वस्थ हुए प्रभु ने शुक्रवार को असि स्थित मंदिर पर भक्तों को दर्शन दिए।
उनके साथ भैया बलभद्र, बहन सुभद्रा के भी काष्ठ विग्रहों का दर्शन कर श्रद्धालु कृतकृत्य हो उठे। इसी के साथ काशी के लक्खा मेले में शुमार रथयात्रा मेले की उल्टी गिनती आरंभ हो गई। अब शनिवार को प्रभु डोली में सवार होकर सैर करने मौसी के घर जाएंगे। वहां से श्रीयंत्राकार रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण को निकलेंगे, इसके साथ ही रविवार की भोर से रथयात्रा मेला आरंभ हो जाएगा।
आज दोपहर बाद निकलेगी डोली यात्रा
शनिवार की दोपहर बाद साढ़े तीन बजे मंदिर से जगन्नाथ प्रभु की डोली यात्रा (रथयात्रा) निकलेगी। यात्रा असि, नवाबगंज, खोजवां राममंदिर, शंकुलधारा स्थित द्वारिकाधीश मंदिर, बैजनत्था मंदिर होते शाम साढ़े चार बजे रथयात्रा स्थित बेनीराम के बगीचे में पहुंचेगी। वहां प्रभु रात्रि विश्राम करेंगे।
सात जुलाई की भोर में तीन बजे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के विग्रहों को श्रीयंत्राकार रथ पर विराजमान कराया जाएगा और तीन दिवसीय रथयात्रा मेला आरंभ होगा। इसके पूर्व छह जुलाई की शाम पांच बजे रथयात्रा स्थित यूनियन बैंक के सामने खड़े रथ की सविधि आरती-पूजन होगा, श्रद्धालु व मेले के आयोजक शापुरी परिवार के सदस्य इसे खींचकर निराला निवेश तक ले जाएंगे। वहां से तीन दिनों तक क्रमशः थोड़ी दूर आगे तक भगवान के विग्रह सहित रथ को भक्त खींचकर लाएंगे। मेला की समाप्ति नौ जुलाई की देर रात के बाद होगी।
हाथरस हादसे के मद्देनजर सतर्कता
तीन दिवसीय रथ यात्रा मेले की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण अपर पुलिस आयुक्त एस चिनप्पा, डीसीपी सूर्यकांत त्रिपाठी एडीसीपी नीतू ने किया। मंदिर के मुख्य पुजारी राधेश्याम पांडे से रथयात्रा निकलने से लेकर होने वाली भीड़ दर्शन-पूजन के क्रम सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बातचीत की।हाथरस में प्रवचन के दौरान हुए हादसे से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन भीड़ नियंत्रण को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहता। उनके अनुसार मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैरीकेडिंग की जाएगी। स्थानीय थानों की पुलिस, पीएसी, सहित सादे कपड़े में महिला और पुरुष पुलिसकर्मी, फायर ब्रिगेड के जवान आदि तैनात रहेंगे।