गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे के पुलों पर अब ट्रेनें नहीं फंसेंगी। निर्बाध ट्रेन संचालन के साथ संरक्षा और सुरक्षा को पूरी तरह पुख्ता करने के उद्देश्य से रेलवे प्रशासन ने सभी पुलों पर साइड पाथ-वे बनाने की योजना तैयार कर ली है। ट्रेन के पुल पर खड़ा होने की स्थिति में रेलकर्मी (लोको पायलट, गार्ड व इंजीनियर आदि) सुगमता से इंजन और ट्रेन का निरीक्षण कर सकेंगे। रेलवे का सफर सुहाना होगा।
20 जून को वाल्मीकिनगर और पनियहवा के बीच स्थित पुल पर नरकटियागंज- गोरखपुर पैसेंजर ट्रेन का इंजन जवाब दे गया। इंजन के फेल होते ही ट्रेन पुल पर ही फंस गई। पुल पर न उतरने का रास्ता था और न चढ़ने का।
भला हो लोको पायलटों का, जिन्होंने साहस का परिचय देते हुए पुल के तार पर लटकते हुए इंजन को ठीक कर लिया। जान-माल की कोई क्षति तो नहीं हुई, लेकिन इस दौरान रेलवे और यात्रियों की सांसें जरूर अटक गई थीं। इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ।
दैनिक जागरण ने 22 जून के अंक में इस घटना का उल्लेख करते हुए ‘जान जोखिम में डाल लोको पायलटों ने दुरुस्त किया पुल पर फंसी ट्रेन का इंजन’ शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। वाल्मीकिनगर और पनियहवा के बीच स्थित पुल पर नरकटियागंज-गोरखपुर पैसेंजर ट्रेन के फंसने की घटना को रेलवे प्रशासन ने गंभीरता से लिया है।
भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए रेलवे प्रशासन ने 13 महत्वपूर्ण पुलों पर साइड पाथ-वे बनाने की हरी झंडी प्रदान कर दी है। जिनमें लखनऊ मंडल के पुल संख्या-184 डाउन, 18, 182 डाउन, 183 डाउन, 4, 55 एवं वाराणसी मंडल के पुल संख्या-31, 50, 119 अप/ डाउन, 137 अप/ डाउन तथा इज्जतनगर मंडल के पुल संख्या-270 शामिल हैं। जल्द ही इन पुलों पर पाथ-वे का निर्माण आरंभ हो जाएगा।
11 पुलों पर ही अभी तक साइड पाथ-वे की व्यवस्था हो पाई है। शेष पुलों पर अभी भी हर पल संरक्षा और सुरक्षा प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है। लखनऊ मंडल अन्तर्गत पुल संख्या-391 अप/ डाउन, 182 अप, 183 अप, 184 अप, 281 अप, 93 ए, 406 एवं वाराणसी मंडल अन्तर्गत पुल संख्या-16 तथा इज्जतनगर मंडल के पुल संख्या-409, 554 पर पाथ-वे बने हुए हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि रेलवे के महत्वपूर्ण पुलों पर साइड पाथ-वे बनाए जा रहे हैं। ट्रेन के किसी कारणवश पुल पर खड़ा होने की स्थिति में चालक/रेलकर्मी इन साइड पाथ-वे से होकर ट्रेन का निरीक्षण कर सकते हैं।
कहा कि कुछ महत्वपूर्ण पुलों पर साइड पाथ- वे बने हुए हैं, जिन महत्वपूर्ण पुलों पर इसका प्रविधान नहीं है, वहां भी बनाए जाएंगे। यात्री प्रधान पूर्वोत्तर रेलवे अपने यात्रियों को सुरक्षित एवं संरक्षित यातायात उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।