दिल्ली। पुर्तगाल और लाओस में भारतीय राजदूत रह चुके पूर्व राजनयिक जितेंद्रनाथ मिश्र ने रविवार को कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास ने अमेरिका के ‘सुरक्षित’ लोकतंत्र होने का भ्रम तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप पर हमले ने विदेश में लोकतंत्र की वकालत करने वाले अमेरिका के प्रयासों पर भी सवाल खड़े किए हैं।
पूर्व राजनयिक ने कहा कि खून से लथपथ ट्रंप का अपनी मुट्ठी को ऊपर उठाना संकल्प और डेमोक्रेटिक पार्टी से अधिक जोश के साथ लड़ने का संदेश देता है। जितेंद्रनाथ मिश्रा इस समय सोनीपत स्थित ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में कूटनीतिक अध्ययन के प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि रविवार की घटना के बाद यूएस सीक्रेट सर्विस भी जांच के दायरे में आएगी।
एएनआई के अनुसार, विदेशी मामलों के विशेषज्ञ रबिंदर सचदेव ने ट्रंप को विभाजनकारी व्यक्ति बताया है। सचदेव ने ट्रंप पर हुए हमले की निंदा की और कहा कि ऐसी आशंका है कि उनसे नफरत करने वाला कोई व्यक्ति उनकी नीतियों के कारण उन्हें मारना चाहता था। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह अमेरिका में ”बहुत विभाजनकारी व्यक्ति” हैं।
सचदेव ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर हुए हमले को ‘बेहद चौंकाने वाली और दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ बताया। कहा कि कभी-कभी ऐसी घटनाएं होती हैं, जहां शूटर किसी अन्य उद्देश्य से आते हैं। लेकिन इस बात की भी आशंका है कि इस मामले में हमलावर कोई ऐसा व्यक्ति था जो ट्रंप से इतना नाराज था कि वह उनकी नीतियों के कारण उन्हें मारना चाहता था।