लखनऊ हिमालय की तराई से सटे यूपी के जिलों में बाढ़ से स्थिति गंभीर होती जा रही है। उत्तराखंड व नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही वर्षा से शारदा व राप्ती नदियां उफनाई हैं। पीलीभीत में तबाही मचाने के बाद गुरुवार को शाहजहांपुर जिले में भी हालात गंभीर हो गए। यहां पीलीभीत के दियूनी डैम से छोड़े पानी से गर्रा नदी उफना गई। इससे शाहजहांपुर के 70 से अधिक गांव जलमग्न हो गए। दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन फीट तक पानी भर गया है।
उधर, पीलीभीत और लखीमपुर में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री ने राप्ती की बाढ़ से प्रभावित श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों में मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
शाहजहांपुर में सभी स्कूलों को किया गया बंद
गुरुवार शाहजहांपुर में शहर के कई मुहल्ले-कालोनियों के साथ ही राजकीय मेडिकल कालेज में पानी भर गया। मरीजों को निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। चिकित्सकीय स्टाफ के आवास भी खाली कराए जा रहे। प्रशासन का कहना है कि मेडिकल कॉलेज गर्रा नदी से कुछ दूरी पर है। 25 वर्ष पहले भी यहां तक बाढ़ का थोड़ा पानी आया था, मगर इस बार डैम से अधिक पानी छोड़ने से विकट परिस्थिति बनती जा रही है। सभी स्कूलों को शनिवार तक बंद कर दिया गया है।
हाइवे पर पुल के ऊपर बहने लगा पानी
दोपहर 12 बजे के बाद गर्रा नदी का पानी दिल्ली-लखनऊ एनएच पर पुल के ऊपर बहने लगा। तीन फीट तक पानी आने के कारण भारी वाहनों को शहर की सीमा में आने से पहले ही रोक दिया गया। पीलीभीत के बीसलपुर में सड़क पर पानी आने से यातायात बंद है। मैलानी रूट पर ट्रेन संचालन प्रभावित है। बदायूं में रामगंगा में उफान से दातागंज के चार सरकारी स्कूलों की पढ़ाई ठप हो गई। कई गांवों में संपर्क मार्ग कट गए।
हरदोई में 57 गांवों पर संकट
बरेली के नवाबगंज में पीलीभीत से आए पानी ने दर्जनों गांव डुबो दिए। हरदोई में गर्रा नदी में जल स्तर बढ़ने से 57 गांवों पर संकट आ गया है। अंबेडकरनगर में सरयू, घाघरा नदी बारिश व विभिन्न बैराजों से छोड़े गए पानी से पूरे उफान पर है। बनबसा बैराज से अधिक पानी छोड़े जाने से लखीमपुर में आई बाढ़ के कारण किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। यहां पलिया, निघासन, धौरहरा और सदर तहसील का फूलबेहड़ व नकहा का कुछ अंश प्रभावित है। खेतों में पानी भर जाने के कारण फसल बर्बाद हो गई है।
बड़े क्षेत्र में पानी भर जाने के चलते पशुओं को चारा नहीं मिल रहा है। दुग्ध उत्पादन में भारी कमी आई है, जबकि नेपाल से पानी छोड़े जाने की वजह से बलिया और मऊ में सरयू की लहरें खतरा बिंदु को पार कर गई हैं। गोरखपुर में राप्ती, सरयू और आमी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कुशीनगर में मवन नाले का तटबंध टूटने से कप्तानगंज क्षेत्र के घरों में पानी घुस गया है। महराजगंज में चंदन, प्यास और महाव नाला लाल निशान पार कर गया है। सिद्धार्थनगर के नवापुर विकास खंड के कई गांवों में पानी घुसने लगा है।
‘नेपाल के पानी से पूर्वांचल के जिलों में असमय आई बाढ़’
मुख्यमंत्री योगी ने गुरुवार को बलरामपुर व श्रावस्ती जिलों का हवाई व स्थलीय निरीक्षण कर हाल जाना। बलरामपुर में बाढ़ का हाल जानने के लिए उतरौला मार्ग स्थित मझौवा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। बाढ़ के पानी में डूबने वाले दो बच्चों के स्वजन को सहायता राशि का प्रतीकात्मक चेक दिया। मकुनहा गांव के मुलकराज की आठ माह की बच्ची हेमा को सीएम ने गोद में उठा लिया। सीएम ने कहा कि नेपाल के पानी से पूर्वांचल के जिलों में असमय बाढ़ आने से फसलें बर्बाद हुई हैं।