लखनऊ परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाए जाने के बाद अब उन्हें अर्द्ध अवकाश व अर्जित अवकाश की सुविधा देने पर मंथन शुरू हो गया है।
बुधवार को मोहर्रम के अवकाश के बावजूद स्कूल शिक्षा महानिदेशालय खोला गया। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अर्द्ध अवकाश व आकस्मिक अवकाश की सुविधा सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
मुख्य सचिव के साथ हुई थी बैठक
बीते मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ हुई बैठक में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी शामिल हुए थे। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी नहीं पहुंचे थे। ऐसे में मुख्य सचिव के निर्देश पर बुधवार को महानिदेशक ने इनके साथ बैठक की।
बैठक में शिक्षक प्रतिनिधियों ने मांग की कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षक काफी दूर-दराज के क्षेत्रों से पढ़ाने आते हैं। कई स्कूल दुर्गम क्षेत्रों में भी हैं, ऐसे में अर्द्ध अवकाश व अर्जित अवकाश की सुविधा मिलनी चाहिए। गर्मियों की छुट्टियां 25 दिनों की होती हैं और सर्दियों की छुट्टियां 15 दिनों की होती है।
बाकी 14 आकस्मिक अवकाश मिलते हैं। ऐसे में गर्मी व सर्दियों की 40 छुट्टियों में ही अर्द्ध अवकाश व आकस्मिक अवकाश को समायोजित कर दिया जाए। यानी शिक्षकों को गर्मी व सर्दियों की छुट्टियां न देकर उन्हें अर्द्ध व आकस्मिक अवकाश मिलेगा। उन्हें गर्मी व सर्दियों की छुट्टियों में विद्यालय बुलाकर अन्य अकादमिक कार्य कराए जाएंगे।
बैठक में बनी सहमति
फिलहाल महानिदेशक, स्कूल शिक्षा के साथ बैठक में यह सहमति बनी है। वहीं शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाए जाने और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा ने आश्वासन दिया कि वह शासन को प्रस्ताव प्रेषित करेंगी। वहीं जो मांगें उनके स्तर से पूरी हो सकती हैं, वह उसे जल्द पूरा करेंगी। उम्मीद है कि जल्द कोई रास्ता निकल आएगा।
शिक्षक प्रतिनिधियों ने कहा कि लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही वह 29 जुलाई को महानिदेशालय पर होने वाले प्रदर्शन को स्थगित करेंगे। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक मंडल में शामिल सुशील पांडेय, योगेश त्यागी, संतोष तिवारी व अनिल यादव और दिलीप चौहान ने कहा कि जैसे ही लिखित आश्वासन मिलेगा हम आंदोलन खत्म करेंगे।