गोरखपुर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध स्व-वित्तपोषित महाविद्यालय के शिक्षक संघटन गुआक्टा से जुड़े शिक्षक शनिवार को कुलपति कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान आक्रामक हो गए। प्राक्टर प्रो. सतीश पांडेय से उनकी झड़प भी हो गई।
दोनों पक्षों के आक्रामक होने के चलते स्थिति धक्कामुक्की तक पहुंच गई। सूचना मिलने पर पहुंची कैंट पुलिस ने विवाद शांत कराया। शिक्षक कुलपति से मिलने न देने को लेकर आक्रामक हुए थे, इसलिए विवाद पर विराम लगाने के लिए गुआक्टा के प्रतिनिधिमंडल से कुलपति ने मुलाकात की और उनकी मांग सुनकर पूरा करने का आश्वासन दिया। कुलपति के आश्वासन के बाद शिक्षक नारा लगाते हुए कुलपति कार्यालय से बाहर निकले।
शुक्रवार की शाम विश्वविद्यालय में कार्य परिषद की बैठक आयोजित थी, जिसके बहिष्कार की घोषणा गुआक्टा की ओर से एक दिन पूर्व ही की गई थी। बैठक का विरोध करने के लिए बैठक से पहले ही संगठन के अध्यक्ष डा. लोकेश त्रिपाठी और महामंत्री डा. निरंकार मणि त्रिपाठी के नेतृत्व शिक्षक प्रशासनिक भवन पहुंच गए।
पहले उन्होंने परिसर में नारेबाजी की और उसके बाद कुलपति कार्यालय पहुंच गए। कार्यालय का दरवाजा बंद देख उन्होंने वहां भी नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी ने जब केवल अध्यक्ष और महामंत्री को कुलपति से मिलने के लिए आने का आग्रह किया तो सभी शिक्षकों ने यह कहकर उनकी बात खारिज कर दी कि अपनी मांग रखने के लिए सभी कुलपति मिलेंगे।
इसी बीच कार्य परिषद सदस्य प्रो. एएन राय वहां पहुंच गए। जैसे ही उन्हें अंदर बुलाने के लिए कार्यालय का गेट खोला गया, सभी शिक्षक जबरन कार्यालय में घुस गए। प्राक्टर ने जब उनका उग्र विरोध किया तो शिक्षक भी आक्रामक हो गए।
उसके बाद तो करीब 10 मिनट तक धक्का-मुक्की होती रही। पुलिस ने अपने आग्रह से विवाद को शांत कराया। इस बीच कुलपति ने गुआक्टा के पांच सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को अपने पास बुलाया और ध्यानपूर्वक उनकी मांग को सुनकर पूरी करने का आश्वासन दिया।
कुलपति से मुलाकात के बाद महामंत्री डा. निरंकार राम त्रिपाठी ने बताया कि गुआक्टा के प्रतिनिधि मंडल ने अपनी मांगों को कई बार कुलपति और समक्ष पदाधिकारियों के समक्ष रखा है लेकिन कोई मांग पूरी नहीं हो सकी है, इसके चलते शिक्षकों में काफी रोष है। यदि जल्द मांगें पूरी नहीं की गईं तो शिक्षक उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। प्रदर्शन करने वालों में प्रो. अनन्त कीर्ति तिवारी, डा. केएन मिश्र, डा. राकेश प्रताप सिंह, डा. प्रद्योत कुमार सिंह, डा. विवेक शाही, डा. त्रिपुरेश कुमार त्रिपाठी, डा. अजय मिश्र आदि शामिल रहे।
गुआक्टा की प्रमुख मांगें
- महाविद्यालय शिक्षकों को शोध पात्रता परीक्षा से पूर्व की तरह मुक्त रखा जाए।
- बीते दिन वर्ष से विभिन्न मदों में शिक्षकों के लंबित देयकों का भुगतान किया जाए।
- विश्वविद्यालय की सभी समितियों में महाविद्यालयों को समुचित प्रतिनिधित्व हो।
- शोध के लिए महाविद्यालयों को शोध केंद्र के रूप में मान्यता दी जाए।
- महाविद्यालय शिक्षकों के साथ विश्वविद्यालय स्तर पर भेदभाव बंद किया जाए।
- तीन प्रकार की डिग्री व्यवस्था पर तत्काल प्रभाव से विराम लगाया जाए।