नई दिल्ली कर्नाटक, बंगाल और केरल जैसे राज्यों के साथ केंद्र सरकार की खींचतान लगातार चली आ रही है, जिसके बीच अब समन्वय के नए प्रयास शुरू हुए हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ का जो शासन-सूत्र था, अब उस पर ही मिशन मोड पर केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने काम शुरू कर दिया है।
गांवों के रास्ते पहुंचाना चाहते हैं संदेश
सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद, कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रियों के साथ बैठकों के माध्यम से वह न सिर्फ राज्यों की समस्याओं और आवश्यकताओं को टटोल रहे हैं, बल्कि उसी के अनुरूप अपने मंत्रालयों का रोडमैप भी तैयार करने में जुट गए हैं। वह गांवों के रास्ते हर राज्य तक सबका साथ, सबका विकास का संदेश पहुंचाना चाहते हैं।
शिवराज सिंह चौहान को मिली अहम जिम्मेदारी
लगभग दो दशक तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को इस बार केंद्रीय कैबिनेट में कृषि और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एक राज्य के मुखिया के तौर पर प्रदेश की आवश्यकताओं और समस्याओं को करीब से देखते-समझते रहे, इसलिए उन्होंने केंद्र में अपने कार्यकाल की शुरुआत उन्हीं अनुभवों के साथ की है।
क्या है शिवराज सिंह की योजना?
शिवराज सिंह ने तय किया है कि हर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर या फोन के द्वारा एक-एक बार शुरुआती संवाद अवश्य करेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से मुलाकात कर यह क्रम शुरू कर चुके हैं। इसके साथ ही उनकी कार्ययोजना सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों और ग्रामीण विकास मंत्रियों व संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शुरुआत में कम से कम एक-एक बैठक करने की है।
कई मंत्रियों से कर चुके हैं बैठक
अब तक वह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, असम के कृषि मंत्री क्रमश: ऐंदल सिंह कंसाना, सूर्यप्रताप शाही, मंगल पांडेय, राम विचार नेताम और अतुल बोरा सहित इन राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। इन सभी से जानकारी ली गई कि इनके राज्यों में कृषि विकास की क्या संभावनाएं हैं और केंद्र सरकार से उन्हें क्या सहयोग चाहिए।
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि बेशक, शुरुआत भाजपा शासित राज्यों के साथ हुई है, लेकिन संदेश सभी राज्यों को भेजा जा रहा है। इनमें सभी गैर भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं। इसी तरह अब अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और ग्रामीण विकास मंत्रियों से वार्ता का क्रम भी शुरू होगा।
इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान ने निर्णय किया है कि प्रत्येक सप्ताह अलग-अलग राज्यों में कम से कम दो दौरा करेंगे। दरअसल, सरकार कृषि क्षेत्र में तकनीकी सहयोग से बड़े परिवर्तन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सतत प्रयासरत है। इसके लिए उसे राज्यों के समन्वय और सहयोग की भी आवश्यकता है। इसके साथ ही ग्रामीण विकास भी सरकार की प्राथमिकता में है।