हाथरस सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में सूरजपाल (नारायण साकार विश्व हरि) के सत्संग के बाद भगदड़ मामले के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर को शुक्रवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। चार दिन से पुलिस की टीमें कई राज्याें से दबिश दे रही थीं। सीएम योगी आदित्यानाथ के हाथरस भ्रमण के बाद आरोपित पर एक लाख का इलान घोषित किया गया था।
दो जुलाई को सिकंदराराऊ के गांव फुलरई के पास जीटी रोड के किनारे साकार विश्व हरि के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई थी। इसमें 121 लोगों की मौत हुई।
इस मामले में सिकंदराराऊ कोतवाली के अंतर्गत पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडे की तरफ से भारतीय न्याय सहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223, 238 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया। इसमें कहा गया कि मुख्य सेवादार सिकंदराराऊ की न्यू कालोनी दमदपुरा निवासी देवप्रकाश मधुकर ने आयोजन समिति की ओर से तथ्य छिपाकर कार्यक्रम में 80 हजार की भीड़ की अनुमति मांगी, जबकि वहां करीब ढाई लाख लोग पहुंचे। आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का पालन न नहीं किया गया। जिसके चलते जीटी रोड पर यातायात अवरुद्ध हो गया।
कार्यक्रम से निकले पर धूल समेटना किया शुरू
सूरजपाल उर्फ भोले बाबा प्रवचन के उपरान्त गाड़ी में सवार हाेकर कार्यक्रम स्थल से निकले। तभी महिला, पुरुष व बच्चों द्वारा उनकी गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया गया। लाखों की भीड़ के दवाब के कारण नीचे बैठे, झुके श्रृद्धालु दबने कुचलने लगे। जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी एवं कीचड़ में दबती कुचलती भीड़ को आयोजन समिति के सेवादारों ने डंडों से जबरदस्ती रोक दिया। इसके कारण भीड का दवाब बढ़ता चला गया भगदड़ में 121 लोगों की मृत्यु हो गई।
पुलिस ने गुरुवार को इनमें मैनपुरी, फिरोजाबाद, हाथरस से छह सेवादारों को गिरफ्तार किया लेकिन मुख्य सेवादार वेदप्रकाश मधुकर फरार था। उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
घटना के बाद से ही था फरार, घर पर लगा है ताला
ग्राम फुलरई, मुगलगढ़ी में सत्संग के लिए इसने ही अनुमति ली थी। इसके लिए उसने कई माह पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। 72 सदस्यों वाली मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति बनाई। सत्संग स्थल पर लगाए गए बोर्ड पर इनके नाम लिखे थे। तैयारियां कई महीने से की जा रही थी।
साकार विश्व हरि में आस्था रखने वाले ऐसे अनुयायियों को साथ लिया, जो सत्संग के लिए आर्थिक सहयोग व भागदौड़ कर सकें। सभी सदस्यों ने स्वयं तो आर्थिक सहयोग दिया ही, चंदा जुटाकर भी सत्संग की व्यवस्था के लिए रकम जुटाई। हादसे के बाद से ही सभी फरार हैं। मधुकर के मकान पर ताला लटका था। स्वजन कहां हैं किसी को नहीं पता।
एटा में मनरेगा में तकनीकी सहायक पद पर है तैनात
- देव प्रकाश मधुकर सिकंदराराऊ का मूल निवासी है।
- न्यू कालोनी दमदपुरा में मकान है, जहां परिवार रहता है।
- एटा के शीतलपुर ब्लाक में मनरेगा में तकनीकी सहायक के पद पर तैनात है।
- नौकरी के चलते वह जलेसर विकास खंड के सलेमपुर मितरौल रहता था।
- एक लाख रुपये का इनाम और प्राथमिकी होने के बाद प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है।
- डीसी मनरेगा ने पंचायतों का चार्ज हटा दिया।
- साथ ही एस्टीमेट बनाने की शक्ति भी सीज कर दी।
- बीडीओ को पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
- इसके बाद आगामी समय में सेवा समाप्ति सहित अन्य विभागीय कार्रवाई हो सकती है।
इन धाराओं दर्ज हुआ था मुकदमा
धारा 105- गैरइरादतन हत्या – पांच वर्ष से आजीवन कारावास।
धारा 110- गैर-इरादतन हत्या का प्रयास- तीन वर्ष से सात वर्ष कारावास।
धारा 126(2)- गलत तरीके से रोकने के लिए। एक महीने तक की अवधि के लिए साधारण कारावास या जुर्माना।
धारा 223- लोकसेवक द्वारा प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा। – छह माह से एक वर्ष तक की सजा।
धारा 238- अपराध के साक्ष्य को गायब करना- 10 वर्ष तक की सजा