गोरखपुर इस बार के बरसात के मौसम में वर्षा के नजरिये से जून ने तो निराश किया था लेकिन जुलाई ने उसकी कमी पहले पांच दिन में ही पूरी कर दी है। यानी जून का सूखा जुलाई ने शुरुआती दिनों में भरपूर वर्षा के माध्यम से दूर कर दिया है।
मात्र पांच दिन में 245 मिलीमीटर का होना इसका प्रमाण है। वर्षा का यह आंकड़ा औसत से 45 प्रतिशत अधिक है। जुलाई के पहले पांच दिन औसत वर्षा का मानक 170 मिलीमीटर है। जुलाई के पहले पांच दिन की वर्षा की जून की वर्षा से तुलना करें तो यह बात और भी पुष्ट हो जाएगी। जून में पूरे महीने में 108 मिलीमीटर वर्षा हुई थी, जो जुलाई की पहले पांच दिन की वर्षा के मुकाबले आधे से भी कम है।
जुलाई में वर्षा का औसत आंकड़ा 384 मिलीमीटर है, जिसका करीब 64 प्रतिशत हिस्सा पहले ही पांच दिन में पूरा हो गया है। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि इस महीने औसत से अधिक वर्षा होगी।
उधर शुक्रवार को पूरे दिन वर्षा का न केवल माहौल बना बल्कि जमकर वर्षा भी हुई। मौसम विभाग के मानक पर गुरुवार को 5:30 बजे शाम से शुक्रवार की शाम 5:30 बजे तक 83 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई। वर्षा का आंकड़ा भारी वर्षा के मानक को पूरा करने वाला है।
64 मिलीमीटर से अधिक वर्षा भारी वर्षा मानी जाती है। शुक्रवार को पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे और देर रात तक रुक-रुक कर वर्षा का क्रम जारी रहा। दोपहर में हुई तेज वर्षा से शहर में कई स्थानों पर जल-जमाव हो गया और लोगोें का दिनचर्या प्रभावित हुई।
वर्षा के कारण अधिकतम तापमान में बीते दिन के मुकाबले चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से आगे नहीं बढ़ने पाया।
अभी फिलहाल जारी रहेगा वर्षा का क्रम
मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय ने बताया कि वर्षा की वायुमंडलीय परिस्थितियां बनी हुई हैं, ऐसे में फिलहाल गरज-चमक के साथ वर्षा का क्रम रुक-रुक कर जारी रहेगा। शनिवार को एक बार फिर भारी वर्षा रिकार्ड किए जाने के आसार हैं। इसके चलते अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही रहेगा। ऐसे में लोगों को गर्मी से राहत मिलती रहेगी। ऐसा मौसम विज्ञानी का पूर्वानुमान है।