गोरखपुर सरयू नदी ने अयोध्या पुल पर खतरे का निशान पार कर लिया है। मंगलवार शाम चार बजे सरयू के खतरे का निशान पार करने के बाद राप्ती नदी में आने वाले समय में पानी ज्यादा आने की आशंका बढ़ गई है। राप्ती नदी भी खतरे के निशान के पास पहुंच गई है।
मंगलवार शाम चार बजे बर्डघाट में नदी खतरे के निशान से सिर्फ 14 सेंटीमीटर नीचे थी। हालांकि पिछले दो दिनों से दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की गति से बढ़ रही नदी के बढ़ाव में मंगलवार को थोड़ी कमी आयी है।
मंगलवार सुबह आठ बजे से शाम चार बजे के बीच जलस्तर बढ़ने की गति प्रति घंटा डेढ़ सेंटीमीटर से कम हो गई थी। सरयू नदी में चढ़ाव की गति भी कुछ थमी है।
राप्ती नदी में पानी बढ़ने के कारण राजघाट के गुरु गोरखनाथ घाट की सीढ़ियां डूब गई हैं। आसपास के इलाकों में पानी भरता देख प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
मंगलवार को एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी ने नौसढ़ के बहरामपुर पहुंचकर बाढ़ की स्थिति देखी। उन्होंने सभी को सतर्क रहने के साथ ही व्यवस्था ठीक रखने के निर्देश दिए।
रोहिन और कुआनो खतरे के निशान से दूर
राहत की बात यह है कि रोहिन और कुआनो नदियां खतरे के निशान से अभी दूर हैं। कुआने नदी मुखलिसपुर में खतरे के निशान से 1.38 मीटर दूर है तो रोहिन त्रिमुहानी घाट पर खतरे के निशान से 1.02 मीटर दूर है।
रोहिन नदी का पानी उतरने लगा है। मंगलवार सुबह आठ बजे के मुकाबले शाम चार बजे रोहिन नदी के जलस्तर में 14 सेंटीमीटर की कमी आयी है।