लखनऊ लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नए सिरे से जनप्रतिनिधियों से मिलकर नाराजगी की वजह टटोलने में जुट गए हैं। वे हर दिन दो मंडलों के पार्टी के विधायक व सांसदों से मिलकर उन कारणों को जानने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। इन कमियों को दूर कर वे 2027 के विधानसभा चुनाव की राह आसान करने में लग गए हैं। जनप्रतिनिधियों ने जिन अधिकारियों की शिकायत की है उन पर भी जल्द मुख्यमंत्री कार्रवाई कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने मंडलवार मुलाकात का सिलसिला रविवार से शुरू किया है। उन्होंने पहले दिन देवीपाटन व अयोध्या मंडल के जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। सोमवार को उन्होंने मीरजापुर और आजमगढ़ मंडल के विधायक, सांसदों व विधान परिषद सदस्यों से मुलाकात की।
चुनाव में हार के कारण पूछने के बाद आगे की रणनीति पर की चर्चा
मुख्यमंत्री ने चुनाव में हार के कारण पूछे। फिर आगे की रणनीति पर चर्चा की। कई नेताओं ने अफसरों की शिकायत भी की। मुख्यमंत्री ने लिखित में शिकायत मांगी है। शिकायत आने के बाद इनकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
जनता की समस्याओं का कराएं समाधान
जनप्रतिनिधियों ने हार के प्रमुख कारणों में सपा द्वारा संविधान बदलने का नैरेटिव, दलित मतदाताओं का खिसकना, प्रत्याशियों का अहंकार, निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं की सुनवाई न होना आदि गिनाए गए। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ाने को लेकर भी जनप्रतिनिधियों से सुझाव मांगे हैं। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से लगातार जनता से संपर्क व संवाद बनाए रखने के लिए कहा है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा समय क्षेत्र में बिताने की सलाह दी। कहा कि जनता से संवाद कर समस्याएं जानें और उनका समाधान कराएं। जो काम सरकार के स्तर से होना है उसे लिखित दें।