नई दिल्ली लोकसभा में नेता विपक्ष के रूप में अपने पहले संबोधन में ही राहुल गांधी ने भाजपा-संघ के हिंदुत्व पर तीखा प्रहार किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे हिंसा और नफरत फैलाने में लगे हैं। राहुल के आरोपों का खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिकार किया और गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे माफी की मांग की।
पीएम मोदी ने राहुल पर किया पलटवार
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिंदुओं को हिंसक कहना गंभीर मामला है। हालांकि, अपनी टिप्पणी को हिंदू समुदाय के खिलाफ बताने के भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के एतराज को खारिज करते हुए राहुल ने कहा कि यह बात उन्होंने भाजपा के संदर्भ में कही है। भाजपा-आरएसएस तथा नरेन्द्र मोदी ही पूरा हिंदू समाज नहीं हैं और यह भाजपा का ठेका नहीं है। लेकिन अमित शाह ने राहुल गांधी के बयान को शब्दश: सामने रखते हुए इसे पूरे हिंदू समाज के खिलाफ करार दिया। शाह ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक बताने के लिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।
देश में करोड़ों लोग गर्व से खुद को हिंदू कहते हैं
गृह मंत्री ने कहा, राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे हिंसा में लिप्त हैं। देश में करोड़ों लोग गर्व से खुद को हिंदू कहते हैं। क्या वे सभी हिंसा की बात कर रहे हैं? हिंसा को किसी धर्म से जोड़ना, वह भी संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति द्वारा..मेरा मानना है कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए। पीएम मोदी मंगलवार को दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे।
अपने हाथों में भगवान शंकर की तस्वीर लिए राहुल ने भाजपा-संघ ब्रांड के हिंदुत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि अ¨हसा, प्रेम और बिना डरे सत्य की राह पर चलना ही हिंदू धर्म है। मृत्यु से भी भयभीत नहीं होने की भगवान शिव की निडरता के सहारे ही सत्ता की ताकत के खिलाफ विपक्ष ने यह चुनावी लड़ाई लड़ी है। राहुल ने भगवान शिव, गुरु नानक, ईसा मसीह, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर की तस्वीरें दिखाईं तो इस्लाम में दुआ मांगने की स्वीकृत तस्वीर रखते हुए कहा कि सभी धर्म की शिक्षाओं में निडरता और सत्य-अहिंसा मूल है।
स्पीकर ने नियम का हवाला देकर उन्हें रोका तब कुछ तस्वीरें उन्होंने आसन को सौंप दी, मगर भगवान शिव की तस्वीर को आखिर तक पास रखा और कई मौकों पर अपनी बात रखने के लिए इसका सहारा भी लिया।
राहुल ने नीट पेपर लीक, मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा
राहुल ने नीट पेपर लीक, मणिपुर हिंसा, हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से लेकर महंगाई जैसे मुद्दे पर घेरते हुए राजग सरकार को सबको डराने की कार्यशैली छोड़ने की सलाह दी और कहा कि विपक्ष उसका दुश्मन नहीं बल्कि देश को आगे ले जाने के लिए अपना पूरा सहयोग और समर्थन देने को तैयार हैं।
राहुल गांधी ने अयोध्या में भाजपा की हार का उल्लेख करते हुए कहा कि अयोध्या की जनता ने उसके उम्मीदवार को हराकर स्पष्ट संदेश दिया है। अयोध्या में लोगों में गुस्सा और आक्रोश इसलिए है कि क्योंकि उनके घर-दुकान तोड़ दिए गए हैं, कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। राहुल गांधी ने दावा किया कि नरेन्द्र मोदी अयोध्या से चुनाव लड़ना चाहते थे और उन्होंने दो सर्वेक्षण करवाए, जिनमें साफ संकेत मिला कि वह वहां से हार जाएंगे। इसलिए वह वाराणसी भाग गए और बड़ी मुश्किल से खुद को बचा पाए।
देश भर में उनके खिलाफ 20 मुकदमे दर्ज – राहुल
राहुल गांधी ने खुद पर हुए प्रहारों का जिक्र करते हुए कहा कि देश भर में उनके खिलाफ 20 मुकदमे दर्ज करना, दो साल की सजा सुनाना, घर छीन लेना यह सब प्रधानमंत्री के इशारे पर किया गया। इसके बावजूद वह भाजपा की सत्ता की ताकत से नहीं डरते हैं, बल्कि इसके उलट भाजपा ही कांग्रेस से डरती है। भाजपा पर मुस्लिम, सिख और ईसाई जैसे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए नेता विपक्ष ने कहा कि वे चट्टान की तरह देशभक्त हैं और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में देश का प्रतिनिधित्व कर राष्ट्र को गौरवान्वित किया है।
नीट पेशेवर से व्यावसायिक परीक्षा बन गई- राहुल
राहुल ने नीट पेपर लीक पर कहा कि छात्रों का इस परीक्षा से भरोसा उठ गया है, क्योंकि नीट पेशेवर से व्यावसायिक परीक्षा बन गई है। यह अमीरों को फायदा पहुंचा रही है तथा आम मेहनती छात्रों का मौका छीना जा रहा है।
नेता विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष के आसन की निष्पक्षता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आप सदन में अंतिम निर्णायक हैं और आप जो करते हैं, वह भारत के लोकतंत्र को परिभाषित करता है। सदन में स्पीकर का पद और शब्द ही सर्वोच्च तथा अंतिम है। समूचे विपक्ष के साथ वह उनका सम्मान करते हैं।
राहुल गांधी ने रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने का आश्वासन दिया
संबोधन के आखिर में राहुल गांधी ने रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने का आश्वासन देते हुए कहा कि संख्या बल के साथ आप सत्ता में हैं और इस हकीकत को स्वीकार करते हुए हम सरकार को पूर्ण सहयोग देने को तैयार हैं, बशर्ते वह विपक्ष के उठाए सवालों पर मूल सिद्धांतों का पालन करें।