गोरखपुर परिषदीय स्कूलों में आनलाइन हाजिरी के आदेश का विरोध मुखर होता जा रहा है। सोमवार को जिले के 52 प्रधानाध्यापकों ने ऑनलाइन हाजिरी लगायी लेकिन बाकी शिक्षकों के रोष को देखते हुए मंगलवार को उन्होंने भी अपने हाथ खींच लिए।
एकजुटता दिखाते हुए मंगलवार को परिषदीय विद्यालय के किसी शिक्षक ने हाजिरी नहीं लगाई। काली पट्टी बांधकर अपने-अपने विद्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया।
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने आठ जुलाई से विद्यालयों में ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य कर दिया है। शिक्षकों को सुबह 7:45 से आठ बजे तक विद्यालय में अपनी ऑनलाइन हाजिरी लगाने का आदेश जारी किया गया है।
शिक्षक संगठनों ने इस आदेश के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों की नाराजगी को देखते हुए शासन ने उन्हें सुबह 8:30 बजे तक आलाइन हाजिरी की अनुमति दी है। शिक्षक संगठन इसके लिए भी राजी नहीं हुए। आदेश के विरोध में सोमवार से शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है।
सोमवार को जिले में 2507 विद्यालयों में 52 विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों ने आनलाइन हाजिरी भी लगायी। जब इसे लेकर सोमवार की देर शाम तक इंटरनेट मीडिया के जरिये प्रतिक्रिया का दौर चला तो मंगलवार को सभी शिक्षकों ने विरोध का झंडा उठा लिया। किसी ने भी ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई। एकजुटता दिखाने के लिए शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने इन प्रधानाध्यापकों से बातकर उनसे इस संघर्ष का समर्थन करने का अनुरोध किया।
उधर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने मंगलवार को विकास खंंड स्तर पर इस मुद्दे को लेकर बैठक की और भावी रणनीति बनायी। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश मंत्री तारकेश्वर शाही ने आरोप लगाया कि शासन ने सोमवार का आनलाइन हाजिरी का जो डेटा जारी किया है वह गलत है। जिले में सिर्फ एक शिक्षक ने आनलाइन हाजिरी लगायी थी, वह भी भूलवश।
उन्होंने दावा किया कि सभी शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में एकजुट हैं। जब तक शिक्षकों की समस्त मांगे पूरी नहीं होती तब तक आनलाइन हाजिरी का विरोध जारी रहेगा।