प्रयागराज महर्षि भारद्वाज कॉरिडोर की जद में आए तीन मंदिरों को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ढहा दिया। मंदिर के पुजारियों ने ध्वस्तीकरण का विरोध किया। विरोध के चलते तीन घंटे तक कार्य प्रभावित रहा। पीडीए के अधिकारियों के आने के बाद लगभग दो बजे दोबारा ध्वस्तीकरण शुरू हुआ।
एक से दूसरे मंदिर को जोड़ने के लिए बनी गुफा भी बुलडोजर से तोड़ दिया। इसके अलावा रसूलाबाद क्षेत्र में दो धार्मिक स्थल तोड़े गये। महर्षि भरद्वाज कारिडोर का निर्माण महाकुंभ के पहले पूरा होना है। इसके तहत बुधवार को उसकी जद में आए व्यास ऋषि, कपिलमुनि और पंचमुखी मंदिर को बुलडोजर से ढहाया गया।
विस्तारीकरण का कार्य कर रही फर्म मेसर्स सीके सिंह की ओर से जब ध्वस्तीकरण सुबह 10.30 बजे शुरू हुआ तो मंदिर के पुजारी अर्थव गोस्वामी सहित एक दर्जन से अधिक लोग ध्वस्तीकरण का विरोध शुरू कर दिया। फर्म से जुड़े ज्ञान सिंह इस मामले की सूचना पीडीए के जोनल अधिकारी को दिया।
जोनल अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान ध्वस्तीकरण पूरी तरह से बंद था। जोनल अधिकारी और विरोध करने वालें से लगभग तीन घंटे तक बात हुए उसके बाद ध्वस्तीकरण दोपहर दो बजे के बाद शुरू हो सका।
अर्थव गोस्वामी ने बताया कि ध्वस्तीकरण मनमाने तरीके से किया जा रहा है। यह मंदिर सरकारी अभिलेखों में भी दर्ज है इसके बावजूद इसे तोड़ दिया गया।
बताया कि पीडीए की ओर से आने वाले कुछ दिनों में चार मंदिर और तोड़ने की तैयारी चल रही है। शिवकुमार, महेंद्र गोस्वामी, रिंकू,भानू गोस्वामी आदि मौजूद रहे। जोनल अधिकारी ने संजीव उपाध्याय ने बताया कि कुछ लोग शुरुआत में विरोध कर रहे थे लेकिन पीडीए की टीम जब मौके पर पहुंची तो विरोध बंद हो गया था।