39.9 C
Amethī
Monday, July 7, 2025
More

    UGC-NET पेपर लीक मामले में आरोपी युवक के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करेगी CBI, छेड़छाड़ वाला स्क्रीनशॉट किया था वायरल

    Must Read

    नई दिल्ली UGC NET 2024 के पेपर लीक मामले को लेकर अभी भी जांच जारी है। बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ये परीक्षा 19 जून को रद्द कर दी थी। इसके बाद इस मामले की जांच CBI को सौंपी गई थी।

    वहीं, अब सीबीआई इस मामले में उस युवक के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर सकती है जिसने टेलीग्राम पर यूजीसी-नेट प्रश्नपत्र का ‘छेड़छाड़’ किया हुआ स्क्रीनशॉट कथित तौर पर वायरल किया था। इस स्क्रीनशॉट के बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय से संभावित ‘उल्लंघन’ के बारे में अलर्ट मिलने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी।

    छेड़छाड़ कर स्क्रीनशॉट किया था वायरल

    उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इस प्रकरण में कोई बड़े पैमाने पर साजिश नहीं मिली है और आरोप पत्र को धोखाधड़ी के प्रयास या धोखाधड़ी के अपराधों तक सीमित रखा जाएगा।

    अधिकारियों ने बताया कि कथित यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच में पाया गया कि 18 जून की परीक्षा के लिए लीक हुए प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट से एक स्कूली छात्र ने छेड़छाड़ की थी।

    उन्होंने बताया कि सीबीआई ने अनौपचारिक रूप से सरकार को अपने निष्कर्षों से अवगत करा दिया है और युवा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की संभावना है।

    CBI को सौंपी गई थी मामले की जांच

    इस परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था, जो जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्रता निर्धारित करती है।

    केंद्रीय गृह मंत्रालय की भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई (Union Home Ministry’s National Cyber Crime Threat Analytics Unit) की चेतावनी के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 19 जून को परीक्षा रद्द कर दी थी।

    शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा रद्द होने के बाद कहा था, यूजीसी को गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा के संबंध में कुछ इनपुट मिले थे। इन इनपुट से प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि उक्त परीक्षा की सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया है।

    मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। जिसके बाद पता चला कि पेपर का कथित स्क्रीनशॉट स्कूल के छात्र ने एक ऐप का उपयोग करके बनाया था। उन्होंने कहा कि उसने स्क्रीनशॉट की तारीख 17 जून कर दी थी ताकि कुछ पैसे कमाए जा सकें और लोगों को यह आभास हो कि उसकी पहुंच प्रश्नपत्र तक है।

    उन्होंने बताया कि युवक ने यह आभास देने की कोशिश की कि वह बाद में होने वाले विषय-विशिष्ट पेपर की व्यवस्था कर सकता है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने फोरेंसिक विशेषज्ञों से परामर्श किया, जिन्होंने कहा कि स्क्रीनशॉट के साथ छेड़छाड़ की गई है।

    सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को I4C से यह जानकारी मिली थी कि पेपर डार्कनेट पर उपलब्ध है और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर कथित तौर पर 5-6 लाख रुपये में बेचा जा रहा है, जिसके आधार पर परीक्षा रद्द कर दी गई।

    यूजीसी-नेट अब 21 अगस्त से 4 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा।

    18 जून को हो चुकी थी परीक्षा

    ये एग्जाम देशभर की यूनिवर्सिटीज में PhD एडमिशन्स, जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी JRF और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए होता है। 19 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर से परीक्षा में गड़बड़ी के इनपुट्स मिले थे।

    शिक्षा मंत्रालय का कहना था कि यह संकेत मिला कि परीक्षा कराने में ईमानदारी नहीं बरती गई। इसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को इसे कैंसिल करने का आदेश दिया था। केंद्र ने जांच के लिए मामला CBI को सौंप दिया था।

    18 जून को 83 सब्जेक्ट्स में परीक्षा हुई थी। एग्जाम 2 शिफ्टों में और देश के 317 शहरों में हुआ। इसमें 11.21 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ था, लेकिन लगभग 81% ने ही परीक्षा दी थी। इस साल यह एग्जाम पेन-पेपर मोड में हुआ था। जबकि पहले ऑनलाइन होता था।

    - Advertisement -spot_imgspot_img

    Connect With Us

    2,342FansLike
    3,452FollowersFollow
    3,232FollowersFollow
    4,563SubscribersSubscribe

    Subscribe

    ताज़ा खबर

    शिव मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, मनकामेश्वर की भव्य आरती ने मन मोहा, तस्वीरें

    लखनऊ  भगवान भोलेनाथ को समर्पित श्रावण मास की शुरुआत आज से हो गई। सावन के पहले सोमवार पर लखनऊ...

    More Articles Like This