प्रयागराज फूलपुर में झूंसी इलाके के आठ गांवों की लगभग 900 करोड़ रुपये कीमत की 1800 बीघा सरकारी जमीन 61 लोगों के नाम की गई है। उच्चस्तरीय जांच में पता चला है कि इन लोगों के नाम दो दिन में कई हेक्टेयर जमीन हो गई। इसके लिए 53 आदेश तो एक दिन में ही हो गए, बाकी एक सप्ताह में आठ आदेश।
अपर मुख्य सचिव राजस्व पी.गुरुप्रसाद की ओर से डीएम नवनीत सिंह चहल की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की पड़ताल में फर्जीवाड़ा की परतें खुलती जा रही हैं। जांच में पता चला है कि ग्राम सभा की ये भूमि आठ महिलाओं तथा 53 पुरुषों के नाम की गई हैं, जिसे बाद में बिल्डर तथा भूमाफिया ने खरीदा और फिर दूसरों को प्लाट व फ्लैट बेचे गए।
एसडीएम ने तेज की जांच
ये भूमि नाला, खलिहान, चरागाह, तालाब, पोखरा, सार्वजनिक बाग के नाम दर्ज थीं। कुछ भूमि वन क्षेत्र, स्वास्थ्य व शिक्षा तथा जल निगम के लिए आरक्षित थीं। एडीएम सिटी और बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी की जांच कमेटी ने अब छानबीन तेज कर दी है।
शासन को एक माह में जांच रिपोर्ट देनी है। इस प्रकरण में दो पीसीएस समेत पांच अफसरों के साथ ही आठ राजस्व कर्मी संदेह के घेरे में आ गए हैं। ये अधिकारी-कर्मचारी वर्ष 2015 में उस समय फूलपुर तहसील में तैनात थे, जब जमीन के आदेश हुए थे। एक ही दिन में 53 आदेश तो इसके बाद एक सप्ताह में आठ आर्डर तहसीलदार के न्यायालय से हुए थे, इन पर एसडीएम कोर्ट की भी मुहर लग गई। जिन लोगों के नाम भूमि की गईं, जांच में उनके नाम पता चल चुके हैं।
सोमवार को जिला मुख्यालय से राजस्व विभाग व अभिलेखागार की टीम पहुंची तो कोर्ट से पारित आदेशों की मूल फाइल मिल गई। इनका जांच कमेटी अवलोकन करेगी।
जल्दी ही शासन को भेज दी जाएगी जांच रिपोर्ट
बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी आलोक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आदेशों की मूल फाइलें मिल गई हैं। इससे अब जांच में तेजी आएगी। शासन से एक माह में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं, जिसे तीन हफ्ते में ही दे दिया जाएगा।