फिरोजाबाद आईपीएल और अन्य सभी तरह के क्रिकेट मैचों में सट्टा लगवाने वाले चार सट्टेबाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वे बीएमडब्ल्यू कार में बैठकर सट्टा लगा रहे थे। उनके कब्जे से कार के साथ ही दो मोबाइल और 2700 रुपये बरामद किए हैं।
शुक्रवार रात थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह वाहन चेकिंग कर रहे थे। उसी दौरान उन्हें मैनपुरी रोड इटौली मार्ग में एक कार में क्रिकेट मैच पर ऑनलाइन सट्टा लगाने की सूचना मिली।
पुलिस ने घेराबंदी कर चारों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम मंकुल महाजन निवासी मुहल्ला शम्भूनगर, दिलशाद निवासी नई बस्ती रुकनपुर, रिजवान निवासी नाई वाली मस्जिद के पास रुकनपुर और मुरारीलाल निवासी मुहल्ला खेड़ा बताए।
नोएडा चला गया था एक आरोपित
एसपी ग्रामीण कुमार रणविजय ने बताया कि मंकुल पर पहले से सट्टेबाजी और जानलेवा हमले का एक-एक मुकदमा है। जिनमें वह वांछित चल रहा था। वह भागकर नोएडा चला गया था। उसके कनेक्शन कई देशों में हैं।
रंगदारी मांगने के आरोप में भाजपा नेता के विरुद्ध प्राथमिकी
पहले शिकायत करने और फिर उसे वापस लेने के लिए मेडिकल कालेज संचालक से लाखों रुपये की रंगदारी व सफाई का ठेका मांगने के आरोप में भाजपा नेता के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। पीड़ित ने लगातार परेशान करने व हत्या के प्रयास का भी आरोप लगाया है।
एफएच मेडिकल कॉलेज में कार्यालय अधीक्षक के पद पर कार्यरत शहजाद खान ने बताया कि गुलाब नगर निवासी शैलेंद्र वाल्मीकि ने स्वयं को भाजपा स्वच्छ भारत अभियान विभाग का सह संयोजक बताते हुए कॉलेज में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को वेतन व भविष्य निधि न मिलने के आरोप लगाए थे। इसकी शिकायत ऊपर तक करने और फिर उसे वापस लेने के बदले पांच लाख रुपये व कॉलेज में सफाई कर्मचारियों का ठेका देने की मांग की थी।
वाट्सएप कॉल पर दी धमकी
वाट्सएप काल कर धमकी दी गई। 31 जनवरी 2024 काे अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर उन्हें कार से कुचलने का भी प्रयास किया। इसकी पुलिस से शिकायत की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्हाेंने कोर्ट की शरण ली।
इंस्पेक्टर ने कहा, जांच की जा रही
इंस्पेक्टर अनुज कुमार का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर शैलेंद्र वाल्मीकि व तीन अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में शैलेंद्र वाल्मीकि का कहना है कि उन्हें एससी वर्ग का होने और गरीबों की आवाज उठाने के कारण परेशान किया जा रहा है। उनकी शिकायत पर श्रम विभाग द्वारा कॉलेज पर अर्थदंड लगाया गया है। मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है। कॉलेज संचालक ने ही पांच लाख रुपये पांच सफाईकर्मियों को देने की बात कही थी। जिस तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।