दिल्ली NCR में बार्यस पहले से ही मुसीबतों का सामना करते आ रहे थे, लेकिन अब नया मामला एक और सामने आ रहा है , जिसमें बताया जा रहा है कि Rera और Builders के बीच विवाद गहरा हो रहा है .
रेरा अब विवादों के घेरे में आता जा रहा, आज सोशल मीडिया पर भी रेरा ट्रेंड कर रहा है.. रेरा और बिल्डर्स की यह लडाई अब मीडिया होउसेस की बड़ी खबर बन गई है… साथ ही सोशल मिडिया में रेरा आज ट्रेंड भी कर रहा है, वहीं वहीं कई मीडिया हाउस ने इस खबर को वरीयता देते हुए प्रमुखता से दिखाया है
आइए आपको पूरा मामला बताते है-
बिल्डर्स का आरोप है कि दिल्ली NCR और नोएडा के बिल्डर को टारगेट करके यूपी रेरा में परेशान किया जाता है। बिल्डर के प्रोजेक्ट लटकाए जाते हैं…. बिल्डर्स का आरोप है कि रेड्डी राज आने के बाद रियल एस्टेट काराबोर बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
बता दें कि कई सालों से ऐसे कई मामले है जैसे अनावश्यक नोटिस… मामलों को सालों से लटकाए रखा जाना…
समय पर किसी प्रोजेक्ट के निस्तारण नहीं होना…साथ ही सरकार इनकी समीक्षा नहीं करती। वही मामला सेट होने के बाद उन्ही बिल्डर्स पर मेहरबानी होती है।
पत्रावली पूरी होने के बाद भी तरह तरह की आपत्तियां लगती हैं। जिनसे सेटिंग होती है ,उनकी फाइल्स तत्काल मंजूर हो जाती है ।
इतना ही नहीं यूपी रेरा का न कोई सिस्टम है न निस्तारण प्रणाली । इसमें चेयरमैन, मेंबर्स और सचिव की तिकड़ी से हैरान परेशान बिल्डर्स अपने प्रोजेक्ट्स बंद कर रहे हैं साथ ही जान बूझकर अथॉरिटी से नक्शा पास होने के बावजूद भी rera नंबर नहीं दिया जाता और ना ही कोई निस्तारण किया जाता । जिसकी वजह से कई सालों से बिल्डर परेशान और कर्जे के बोझ में दबा हुआ है।